दुष्ट व्रण , पुराने घाव, खराब घाव, चोट, जख्म की आयुर्वेदिक चिकित्सा
(Ayurvedic Treatment of Rogue Ulcer , Chronic wounds, Injury )
जात्यादि तेल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो कई तरह के इन्फेक्शन से बचाव करने में मददगार होते हैं. इसके इस्तेमाल से खुजली, स्किन की समस्याएं, घाव व बवासीर की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
घाव पर प्रभावी-
- जलन करे कम
- सूजन व दर्द करे कम
- बवासीर में लाभकारी
- पुरानी चोट में लाभदायक
- घाव पर प्रभावी
जात्यादि तेल एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, ऐसे में यह घाव को सुखाने और घाव में बार-बार पस बनने की समस्या को दूर करने में प्रभावी हो सकता है, इस तेल को घाव पर लगाने से घाव जल्दी सूख सकता है।
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