अपच रोगों में यज्ञ चिकित्सा (Yagya Therapy in Indigestion)

अपच रोगों में यज्ञ चिकित्सा 
(Yagya Therapy in Indigestion)
अपच रोगों में यज्ञ चिकित्सा (Yagya Therapy in Indigestion)

अपच रोगों में यज्ञ चिकित्सा (Yagya Therapy in Indigestion)
अपच रोगों में यज्ञ चिकित्सा (Yagya Therapy in Indigestion)

अपच रोगों में यज्ञ चिकित्सा (Yagya Therapy in Indigestion)

अपच रोगों में यज्ञ चिकित्सा (Yagya Therapy in Indigestion)
सूर्य गायत्री मंत्र- "ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात" की 24 मंत्राहुति के बाद रोगियों को यज्ञ केसमीप में कम से कम 45 मिनट तक रहना चाहिए। इस दौरान 15 मिनट के लिए प्राणाकर्षण प्राणायाम एवं ध्यान करें। भावना करें कि यज्ञ उर्जा, मंत्र शक्ति और औषधीय धुआं हमारे शरीर में प्रविष्ट हो हमें निरोगी बना रही है। यज्ञ का सर्वोत्तम समय सूर्योदय और सूर्यास्त का है। यह यज्ञ चिकित्सा कम से कम 40 दिन से 6 माह तक प्रतिदिन करे।


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